
सितारगंज। तराई पूर्वी वन प्रभाग, हल्द्वानी की किशनपुर रेंज टीम ने शनिवार देर शाम कछुआ तस्करी के बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। मुखबिर से मिली सूचना पर गोविंदनगर शक्तिफार्म क्षेत्र में की गई घेराबंदी के दौरान एक संदिग्ध वैन (UP-82-AU-8961) को रुकवाने का प्रयास किया गया, लेकिन वाहन में सवार तस्कर अंधेरे का फायदा उठाकर जंगल की ओर फरार हो गए।
वन क्षेत्राधिकारी धनानंद चनियाल ने बताया कि वाहन की तलाशी लेने पर पांच जूट के बोरे बरामद हुए। जांच में इन बोरों से सुंदरी प्रजाति के कुल 243 जीवित कछुए मिले। यह प्रजाति भारतीय वन संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची-II पार्ट-सी (क्रमांक 44) में संरक्षित श्रेणी में दर्ज है, जिनकी तस्करी एक गंभीर अपराध माना जाता है।
वन विभाग की टीम वाहन को कब्जे में लेकर रेंज परिसर में ले आई है। फरार तस्करों की तलाश तेज कर दी गई है और मामले की गहन जांच जारी है। अधिकारियों का कहना है कि यह तस्करी किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा हो सकती है।











