
आगरा। न कोई सत्यापन और न ही किसी तरीके की जांच। चुपके से आवेदन किया और आसानी से छावनी परिषद के मतदाता बन गए। परिषद के बंगला नंबर 45, 46 के पते पर 304 बांग्लादेशी मतदाता बन गए हैं। इनके नाम वर्ष 2024 से पूर्व से शामिल हैं। यह पर्दाफाश पूर्व राज्यमंत्री और विधायक डा. जीएस धर्मेश के पत्र से हुआ है।
भाजपा विधायक ने 12 मार्च 2025 को यह पत्र रक्षा मंत्री को लिखा था। रक्षा मंत्री से दोनों बंगलों में अवैध तरीके से रह रहे बांग्लादेशी मतदाताओं की सीबीआई जांच कराने की मांग की थी। शुक्रवार को परिषद की बोर्ड बैठक में यह मुद्दा रखा गया। अधिकारियों ने इस पर चर्चा भी की लेकिन अब खुलकर बोलने से कतरा रहे हैं।
विधायक के मुद्दे ने सभी का ध्यान खींचा
छावनी परिषद की बोर्ड बैठक शुक्रवार को एक घंटे से अधिक चली। इसमें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। सबसे अधिक ध्यान विधायक डा. जीएस धर्मेश के मुद्दे ने खींचा। विधायक ने बंगला नंबर 45 और 46 में 500 बांग्लादेशियों का मामला उठाया। आखिर किस तरीके से यह छावनी परिषद के मतदाता बन गए। बैठक में अधिकारियों ने जांच का आश्वासन भी दिया। कुछ घंटे के बाद 12 मार्च को विधायक डा. जीएस धर्मेश द्वारा लिखा गया पत्र इंटरनेट मीडिया में प्रसारित हुआ। पत्र में मतदाता बने बांग्लादेशियों की जानकारी सूचना का अधिकार (आरटीआइ) में मिलने की बात कही गई है।

विधायक डॉ. जीएस धर्मेश।
235 में 158 मुस्लिम हैं, मुस्लिम मतदाता बांग्लादेशी हैं
पत्र में कहा गया है कि परिषद का वार्ड नंबर दो-शहजादी मंडी है। वर्ष 2024 की मतदाता सूची में बंगला नंबर 46 के पते पर 235 मतदाता निवास कर रहे हैं। 18 साल के युवाओं को जोड़ लिया जाए तो यह संख्या 500 तक पहुंच सकती है। 235 में 158 मुस्लिम हैं। मुस्लिम मतदाता बांग्लादेशी हैं। आखिर यह किस तरीके से उस बंगले में रहने लगे। इन्हें हटाया क्यों नहीं गया। यह सभी छावनी के किरायेदार भी नहीं हैं।
दो बंगलों में 304 बांग्लादेशी मतदाता हैं
इसी तरह से बंगला नंबर 45 के पते पर मतदाता सूची के क्रम संख्या 1507 से 1575 में 69 मतदाता हैं। इसमें 52 मुस्लिम मतदाता हैं। इस तरह से दो बंगलों में 304 बांग्लादेशी मतदाता हैं। इन सभी के पास दस्तावेज कैसे आए, किस तरीके से बने। इसकी जांच सीबीआई से होनी चाहिए। मतदाता सूची को लेकर जब छावनी परिषद के सीईओ दीपक मोहन को फोन किया गया तो उनका फोन नहीं उठा। न ही मैसेज का कोई जवाब दिया।
जनप्रतिनिधियों की है भूमि
बंगला नंबर 46 का क्षेत्रफल चार एकड़ है। इसमें भूमि का कुछ हिस्सा एक जनप्रतिनिधि के नाम पर है। इसी तरह से बंगला नंबर 45 का क्षेत्रफल आठ एकड़ है।