
महाराष्ट्र के नाशिक जिले के पास स्थित घोटी कस्बे के एक नामी स्कूल में उस वक्त हड़कंप मच गया जब छात्रों के बैग की अचानक जांच की गई। जनता विद्यालय और हायर सेकेंडरी स्कूल में प्रिंसिपल ने जब सरप्राइज चेकिंग करवाई तो बैग से जो चीजें निकलीं, उसने सभी को हैरान कर दिया। किताबों और कापियों की जगह छात्रों के बैग से निकले कंडोम, चाकू, ड्रग्स और फाइटर्स। मामले को गंभीर मानते हुए प्रिंसिपल ने तुरंत सभी अभिभावकों को स्कूल बुलाया और बच्चों को अनुशासन का पाठ पढ़ाने के लिए कई छात्रों के बाल स्कूल में ही कटवा दिए।।
स्कूल में अचानक हुई बैग चेकिंग
जनता विद्यालय में अचानक हुई इस सख्त कार्रवाई का नेतृत्व खुद स्कूल के प्रिंसिपल ने किया। उन्हें छात्रों के व्यवहार को लेकर पहले से कुछ संदेह था, जिसके बाद उन्होंने बिना किसी पूर्व सूचना के बैग की तलाशी का निर्णय लिया। इस जांच के दौरान कुछ छात्रों के बैग से ऐसी चीजें मिलीं जिनकी स्कूल परिसर में कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। प्रिंसिपल ने बताया कि कुछ छात्रों के बैग से छोटे-छोटे चाकू, फाइटर्स, कंडोम और ड्रग्स जैसी सामग्री मिली। ये ऐसी चीजें हैं जो स्कूल के अनुशासन और छात्रों के भविष्य दोनों के लिए खतरा हैं।
माता-पिता को बुलाकर दी गई चेतावनी
घटना के तुरंत बाद स्कूल प्रबंधन ने सभी संबंधित छात्रों के अभिभावकों को बुलाया। एक विशेष बैठक में प्रिंसिपल ने उन्हें बताया कि उनके बच्चे स्कूल में अनुशासनहीन गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं। सभी माता-पिता से आग्रह किया गया कि वे बच्चों की स्कूल के बाद की गतिविधियों और संगत पर नजर रखें। स्कूल प्रबंधन ने साफ कर दिया कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और यदि दोबारा कोई ऐसा मामला सामने आता है तो संबंधित छात्र के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
स्टाइलिश हेयरकट बने अनुशासन का मुद्दा
बैग से आपत्तिजनक सामान मिलने के अलावा कुछ छात्रों के लंबे और स्टाइलिश हेयरकट भी प्रिंसिपल की नजर में आ गए। उन्होंने बिना समय गंवाए स्कूल में ही एक नाई को बुलाया और इन छात्रों के बाल कटवा दिए। यह कदम अनुशासन का संदेश देने के लिए उठाया गया। इस फैसले की सोशल मीडिया और स्थानीय समाज में भी खूब चर्चा हो रही है। कुछ लोगों ने इसे सही ठहराया तो कुछ ने इसे थोड़ी कठोर कार्रवाई बताया।
प्रशासन से सहयोग की मांग
स्कूल प्रशासन ने इस घटना की रिपोर्ट शिक्षा विभाग को भेज दी है और स्थानीय प्रशासन से अनुरोध किया है कि वे स्कूलों के आसपास के इलाकों में निगरानी बढ़ाएं ताकि नशीले पदार्थों और हथियारों जैसी चीजों की स्कूल परिसर तक पहुंच रोकी जा सके। साथ ही स्कूलों में काउंसलिंग सत्र आयोजित करने और माता-पिता को बच्चों की मानसिक स्थिति को समझने के लिए प्रशिक्षित करने की बात भी उठाई जा रही है।
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