उत्तराखंड पंचायत चुनाव की सभी कार्यवाही अग्रिम आदेशों तक स्थगित,आदेश हुए जारी…..

राज्य निर्वाचन आयोग ने कोर्ट के अग्रिम आदेश तक राज्य में होने वाले पंचायत चुनावों के नामांकन और आगे की कार्यवाही को स्थगित कर दिया है,जिसके आदेश जारी कर दिए गए हैं।

उत्तराखंड पंचायत चुनावों पर हाईकोर्ट की रोक के चलते राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव की सभी कार्यवाही के साथ लागू की गई आदर्श आचार संहिता को हटा दिया है।आयोग का कहना है कि जब तक चुनाव प्रक्रिया को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं होती,तब तक आचार संहिता बनाए रखने का कोई औचित्य नहीं है।

बता दें कि राज्य निर्वाचन आयोग ने 14 जून को त्रिस्तरीय पंचायत उपचुनावों की अधिसूचना जारी की थी,जिसके साथ ही हरिद्वार जनपद को छोड़कर बाक़ी राज्य के 13 जनपदों में आचार संहिता लागू कर दी गई थी।इस अधिसूचना को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई, जिसमें आरक्षण व्यवस्था सहित चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए।इसके बाद 19 जून को हाईकोर्ट ने चुनाव प्रक्रिया पर स्थगन (स्टे)आदेश दे दिया।अब कल 25 जून को मामले में अगली सुनवाई होनी है।इसी बीच राज्य चुनाव आयोग ने यह स्पष्ट किया कि जब चुनाव ही नहीं हो रहे हैं,तो आचार संहिता का बने रहना प्रशासनिक और विकास कार्यों में बाधा बन सकता है,इसलिए इसे समाप्त किया जा रहा है।

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पंचायत चुनावों की नामांकन प्रक्रिया अग्रिम आदेशों तक स्थगित

उत्तराखंड में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। राज्य निर्वाचन आयोग ने नामांकन प्रक्रिया समेत चुनाव संबंधी सभी कार्यवाहियां अग्रिम आदेशों तक स्थगित कर दी हैं। यह निर्णय उत्तराखंड उच्च न्यायालय नैनीताल के आदेश के अनुपालन में लिया गया है।

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मालूम हो कि उच्च न्यायालय ने रिट याचिका संख्या 410 (एमबी) वर्ष 2025 गणेश दत्त काण्डपाल बनाम उत्तराखंड राज्य एवं अन्य में 23 जून को आदेश पारित करते हुए कहा कि पंचायत चुनावों के लिए आरक्षण नियमावली का प्रख्यापन विधिवत अधिसूचित नहीं होने के कारण आरक्षण निर्धारण एवं इससे संबंधित संपूर्ण कार्यवाही अग्रिम आदेशों तक स्थगित की जाती है। इसी क्रम में अन्य रिट याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 25 जून को तय की है।

गौरतलब है कि राज्य निर्वाचन आयोग ने अपनी अधिसूचना के तहत 12 जिलों (हरिद्वार को छोड़कर) में ग्राम पंचायत सदस्य, प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की थी। इसके तहत 25 जून से 28 जून तक नामांकन प्रक्रिया होनी थी। लेकिन उच्च न्यायालय के आदेश के चलते अब नामांकन और आगे की सभी चुनावी प्रक्रियाएं तब तक स्थगित रहेंगी, जब तक अदालत की ओर से इस पर कोई नया आदेश नहीं आ जाता।

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राज्य निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि आरक्षण और पदों के आवंटन की स्थिति स्पष्ट न होने की वजह से नामांकन समेत अन्य प्रक्रिया शुरू करना संभव नहीं है। आयोग ने सभी संबंधित अधिकारियों और निर्वाचन से जुड़े कार्मिकों को इस संबंध में अवगत करा दिया है।

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