
जैसलमेर। राजस्थान के जैसलमेर-जोधपुर हाईवे पर मंगलवार दोपहर दर्दनाक हादसे में 20 यात्रियों की जिंदा जलकर मौत हो गई, जबकि 16 लोग गंभीर रूप से झुलस गए। हादसा दोपहर करीब 3:30 बजे हुआ जब जैसलमेर से जोधपुर जा रही केके ट्रैवल्स की एक चलती एसी स्लीपर बस में अचानक आग लग गई।
देखते ही देखते बस पूरी तरह आग की लपटों में घिर गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पीछे के हिस्से से धुआं निकलते ही यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। ड्राइवर ने बस रोकने की कोशिश की, लेकिन तब तक आग ने पूरे वाहन को अपनी चपेट में ले लिया। कई यात्री अपनी जान बचाने के लिए खिड़कियों से कूद पड़े, जबकि कई अंदर ही फंस गए।
घटनास्थल की तस्वीरें हादसे की भयावहता को बयां कर रही हैं — बस पूरी तरह जलकर खाक हो गई। कई शव इतनी बुरी तरह जल गए कि पहचान मुश्किल हो गई है। प्रशासन ने मृतकों की पहचान डीएनए जांच के माध्यम से कराने का निर्णय लिया है।
प्राथमिक जांच में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया गया है। हालांकि, कुछ प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि बस की डिग्गी में पटाखे रखे थे, जिससे आग और तेजी से भड़क गई।
हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय लोग, पुलिस, सेना और दमकल विभाग मौके पर पहुंचे। कई घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। सभी घायलों को पहले जैसलमेर के जवाहर अस्पताल ले जाया गया, जहां से 16 गंभीर रूप से झुलसे यात्रियों को जोधपुर रेफर किया गया।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा मंगलवार रात खुद जैसलमेर पहुंचे और घटना की जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को घायलों के समुचित इलाज और मृतकों के परिजनों को हरसंभव सहायता देने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा— “यह अत्यंत हृदयविदारक घटना है, सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है।”
राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ समेत कई नेताओं ने इस दर्दनाक हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
जैसलमेर कलेक्टर प्रताप सिंह ने डीएनए जांच प्रक्रिया में तेजी लाने और मृतकों के परिजनों से संपर्क बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। सेना के ट्रकों से शवों को जोधपुर भेजा गया है, जहां राज्य एफएसएल टीम जांच कर रही है।
यह भीषण हादसा सार्वजनिक परिवहन की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। हादसे की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं।












