
राजस्थान के बारां जिले से एक दिल दहला देने वाली खबर निकलकर सामने आ रही है। यहां नाहरगढ़ थाना इलाके के जलवाड़ा गांव में एक तालाब में एक साथ 75 भैंसो की मौत हो गई।
यह भी भैंस जलवाड़ा गांव के नजदीक एक तालाब में बैठी हुई थी और दोपहर में इनकी मौत हो गई। तालाब के पास से गुजर रहे एक व्यक्ति ने देखा कि, तालाब में भैंसे मृत पड़ी है रो उसने इस बात की सूचना ग्रामीणों को दी। इसके बाद ग्रामीण मौके पर पहुंचे और पूरी घटना की जानकारी पुलिस टीम को दी। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं। वहीं, ग्रामीणों ने मुआवजे की मांग को लेकर विरोध शुरू कर दिया, जिनसे अतिरिक्त जिला कलेक्टर दिवांशु शर्मा, पुलिस अधीक्षक राजकुमार चौधरी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश चौधरी व एसडीएम किशनगंज अभयराज सिंह ने बात कर उन्हें समझाइश दी।
लोग लगा रहे इस बात की आशंक
मिली जानकारी के अनुसार, ऐसा कहा जा रहा है यह घटना विद्युत विभाग की लापरवाही के कारण हुई है। दरअसल, विद्युत पोल में स्पार्किंग होने के बाद तालाब में करंट दौड़ गया और इसकी वजह से तालाब में बैठी भैंस करंट की चपेट में आ गई। इसी कारण से सभी भैंसो की मौत हुई है।
पोस्टमार्टम के लिए तैयार नहीं है ग्रामीण
मौके पर पहुंचे नाहरगढ़ थाना अधिकारी धर्मपाल यादव का कहना है कि, ग्रामीणों की ही भैंस हैं, जो कि पहले खेतों के आसपास छोड़ दी थी। इसके बाद सभी भैंस तालाब में जाकर बैठी और कुछ देर बाद उनकी आउट हो गई। कुछ ग्रामीणों ने स्पार्किंग होने की बात भी कही है। इसके बाद बिजली के लाइनों में से एक फेज की बिजली उड़ गई थी। जलवाड़ा के ग्रामीणों का कहना है कि उनका करीब 70 लाख रुपए का नुकसान हो गया है, इसलिए प्रशासन को ग्रामीणों की मदद के लिए मुआवजा देना चाहिए। थानाधिकारी ने कहा कि भैंसों की मौत का कारण जानने के लिए पोस्टमार्टम करना जरूरी है। फिलहाल ग्रामीण पोस्टमार्टम के लिए तैयार नहीं हैं।