
पिथौरागढ़। मुनस्यारी क्षेत्र से रहस्यमयी परिस्थितियों में लापता हुए 25 वर्षीय प्रदीप दरियाल की मौत ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। 28 दिन की लंबी खोजबीन के बाद सोमवार को उनका शव काली नदी के किनारे बरामद हुआ। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज के फॉरेंसिक एक्सपर्ट की मौजूदगी में कराया।
5 अक्टूबर से थे लापता
मुनस्यारी के पातो गांव निवासी प्रदीप दरियाल पुत्र ललित सिंह 5 अक्टूबर को हल्द्वानी से स्कॉर्पियो (UK04TB6174) लेकर धारचूला के लिए रवाना हुए थे। रास्ते में दूंगातोली के पास उनकी गाड़ी काली नदी किनारे दुर्घटनाग्रस्त हालत में मिली, लेकिन प्रदीप का कोई पता नहीं चला। परिजनों ने तत्पश्चात बलुवाकोट कोतवाली में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
40 किलोमीटर दूर मिला शव
लगातार तलाशी के बावजूद जब कोई सुराग नहीं मिला तो परिजनों और ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। पूर्व जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया के नेतृत्व में ग्रामीणों ने मुनस्यारी में प्रदर्शन कर उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी। आखिरकार, लापता होने के 28वें दिन, प्रदीप का शव तल्ला बगड़ क्षेत्र में काली नदी किनारे, घटनास्थल से करीब 40 किलोमीटर दूर मिला।
फॉरेंसिक टीम की निगरानी में पोस्टमार्टम
परिजनों की मांग पर शव का पोस्टमार्टम अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज के फॉरेंसिक विशेषज्ञ डॉ. एन.एल. गर्विस की उपस्थिति में तीन डॉक्टरों के पैनल द्वारा किया गया। इस दौरान डीएनए और बिसरा सैंपल सुरक्षित रखे गए हैं ताकि मौत के कारणों की वैज्ञानिक जांच की जा सके।
हर एंगल से जांच में जुटी पुलिस
सीओ पिथौरागढ़ गोविंद बल्लभ जोशी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारण स्पष्ट हो पाएंगे। फिलहाल पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है। परिजनों की ओर से अभी तक कोई तहरीर नहीं दी गई है।
कौन थे प्रदीप दरियाल?
प्रदीप दरियाल पेशे से ड्राइवर थे और हल्द्वानी से पिथौरागढ़ के बीच वाहन चलाते थे। वे मिलनसार, जिम्मेदार और सभी के प्रिय माने जाते थे।











