
रिपोर्ट: भुवन रूवाली
लालकुआं (नैनीताल) – लालकुआं नगर पंचायत में नो-एंट्री की घोषणा ने शहर में हंगामा खड़ा कर दिया। इतना ही नहीं, सत्ताधारी पार्टी के कुछ लोगों ने बाईपास की याद ताज़ा कर दी और वर्तमान चेयरमैन को सहयोग देने की बात भी सामने आई।
नगर पंचायत अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह लोटनी ने नगर क्षेत्र में भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाने के लिए सर्वदलीय और सर्वजनसामान्य बैठक बुलाकर समाधान निकालने की कोशिश की। जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और परिवहन विभाग तक इस मुद्दे पर पत्राचार किया गया। लालकुआं कोतवाली परिसर में आयोजित बैठक में कई लोगों ने नो-एंट्री का विरोध किया, तो कुछ ने बाईपास बनाने की जरूरत जताई।
दरअसल, लालकुआं वासियों को उत्तराखंड राज्य गठन के बाद भी बाईपास नहीं मिला है। नेशनल हाईवे पर बाजार के बीचोंबीच होने के कारण रोजाना दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है, जिसे पुलिस विभाग भी मानता है।
अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह लोटनी का कहना है कि यदि नगर में नो-एंट्री लागू कर दी जाती है तो बाईपास के मुद्दे को बल मिलेगा और सरकार मजबूरी में इसे बनाने पर विचार कर सकती है। इससे न केवल नगरवासियों को राहत मिलेगी, बल्कि राहगीरों और आवागमन करने वालों को भी फायदा होगा।
नो-एंट्री या बाईपास – लालकुआं का बड़ा सवाल अब आम जनता के सामने है।












