
दिल्ली – लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास पार्किंग में हुए धमाके को लेकर अब बड़ा खुलासा हुआ है। सूत्रों के अनुसार, इस आतंकी हमले का मुख्य साजिशकर्ता पुलवामा निवासी डॉ. उमर मोहम्मद था। जांच एजेंसियों के मुताबिक, धमाके में जिस आई-20 कार का इस्तेमाल किया गया, उसे वही चला रहा था। माना जा रहा है कि धमाके के वक्त उमर मोहम्मद खुद कार में मौजूद था और विस्फोट में उसकी मौत हो गई।
सूत्रों के मुताबिक, उमर मोहम्मद पुलवामा का रहने वाला है और पेशे से डॉक्टर था। वह फरीदाबाद के अल फलह मेडिकल कॉलेज में कार्यरत था। उमर के पिता नबी भट भी डॉक्टर हैं, जबकि उसकी मां का नाम शमीमा बानू बताया गया है। जांच एजेंसियों का कहना है कि उमर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी मॉड्यूल से जुड़ा हुआ था और लंबे समय से खुफिया एजेंसियों के रडार पर था।
डॉक्टरों का आतंकी नेटवर्क
फरीदाबाद मॉड्यूल से पहले ही दो डॉक्टर — आदिल अहमद (अनंतनाग निवासी) और मुजम्मिल शकील — को गिरफ्तार किया जा चुका है। आदिल अनंतनाग के सरकारी अस्पताल में सीनियर डॉक्टर था। श्रीनगर में 19 अक्टूबर को जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन में लगाए गए पोस्टरों के बाद सीसीटीवी फुटेज से उसकी पहचान हुई थी। 6 अक्टूबर को सहारनपुर से गिरफ्तारी के बाद आदिल की निशानदेही पर मुजम्मिल को पकड़ा गया था।
यहीं से जांच में खुलासा हुआ कि इस नेटवर्क के तीसरे सदस्य डॉ. उमर मोहम्मद हैं, जिनकी गिरफ्तारी से पहले ही दिल्ली धमाके की वारदात सामने आ गई।
हमले से पहले पुलवामा से गिरफ्तार हुए तीन संदिग्ध
इस बीच पुलवामा जिले के अवंतीपुरा सेक्टर से रविवार रात तीन संदिग्धों — एटीएम गार्ड तारिक अहमद, आमिर राशिद, और उमर राशिद — को गिरफ्तार किया गया है। बताया जा रहा है कि तारिक अहमद ने ही वह आई-20 कार उमर मोहम्मद को दी थी, जिसका इस्तेमाल धमाके में हुआ। पुलिस तीनों से पूछताछ कर रही है।
डीएनए जांच करेगी पुख्ता सबूत
धमाके के बाद घटनास्थल से एक हाथ और कुछ अन्य शरीर के हिस्से बरामद किए गए हैं। माना जा रहा है कि ये अवशेष उमर मोहम्मद के ही हो सकते हैं। दिल्ली पुलिस ने शवों के अवशेषों का डीएनए सैंपल जांच के लिए भेज दिया है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि धमाके में मारा गया शख्स वही था या नहीं।
अमोनियम नाइट्रेट से हुआ धमाका
प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि कार में अमोनियम नाइट्रेट फ्यूल का इस्तेमाल किया गया था — वही रासायनिक पदार्थ जो खनन कार्यों में विस्फोटक के रूप में प्रयोग होता है। फरीदाबाद में पहले पकड़े गए 2900 किलो विस्फोटक के नमूनों से भी इसकी समानता बताई जा रही है।
एनआईए को मिल सकती है जांच
इस हमले की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार ने उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है। गृह मंत्री अमित शाह सुबह 11 बजे शीर्ष सुरक्षा और जांच एजेंसियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे। संभावना है कि लाल किला धमाका केस एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) को सौंपा जा सकता है।
संपादकीय टिप्पणी:
दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले के पास यह धमाका सिर्फ राजधानी की सुरक्षा नहीं, बल्कि मेडिकल प्रोफेशन में घुसे आतंकी नेटवर्क का भी गंभीर संकेत है। डॉक्टरों के इस मॉड्यूल की गुत्थी सुलझाने के लिए एजेंसियां फरीदाबाद, पुलवामा और श्रीनगर में लगातार छापेमारी कर रही हैं।










